इस त्योहार लाये ट्रैक्टर लोन पर अपने सपनों का ट्रैक्टर

वैसे तो ऐसा कोई महीना नहीं, जिसमें कोई पर्व नहीं आता हो. लेकिन सितंबर से लेकर अक्टूबर –
नवम्बर में फसल की कटाई तक भारत में हम त्योहारों का महीना कह सकते हैं. विशेषकर किसानों के
लिए ये महीनें दोहरी ख़ुशी और उल्लास लेकर आते है. क्योंकि यही महीनें खरीफ फसलों के होते हैं. यदि
किसान अपने फसल के उत्पादन और आय को दोगुनी करना चाहते हैं, तो ट्रैक्टर में इन्वेस्टमेंट सोने पर
सुहागा जैसा होगा। क्योंकि त्योहारों के अवसर पर लगभग हरेक ट्रैक्टर ब्रांड्स कई आकर्षक ऑफर के
साथ ट्रैक्टर मार्केट में लेकर आते हैं. इसके अलावा ट्रैक्टर ब्रांड्स कई वित्तीय और बैंकिंग कंपनी के साथ
मिलकर अच्छे ब्याज दर पर ट्रैक्टर लोन ऑफर करते हैं. तो आइये इस लेख की मदद से ट्रैक्टर लोन के
बारे में जानते हैं.

ट्रैक्टर लोन होता क्या है?

अगर आप अपने सपनों का ट्रैक्टर लोन पर लेने का विचार बना रहें हैं, तो सबसे पहले ट्रैक्टर लोन के
बारे में जानना आवश्यक है. ट्रैक्टर लोन एक प्रकार का कृषि लोन हैं, जिसमे वित्तीय और बैंकिंग कम्पनियाँ ट्रैक्टर के लिए आकर्षक ब्याज दरों पर लोन देती हैं. यह लोन एक जमानती ऋण (secured loan) होता है, जिसमे जमानत के तौर पर ट्रैक्टर गिरवी रहता है. जब आप अपना ऋण पूरा चूका देते हैं तब ट्रैक्टर पूरा आपका हो जाता
हैं.
अब आपको कितना ट्रैक्टर लोन मिलेगा यह कई कारकों पर निर्भर करता है. इसमें सबसे मुख्य कारक
होते है आपका CIBIL score और आपकी लैंडहोल्डिंग (landholding). इन दोनों कारकों के आधार पर
बैंक आपको ट्रैक्टर की कुल कीमत का 90 प्रतिशत तक लोन दे सकते हैं. इसे हम बैंकिंग भाषा में लोन
टू वैल्यू (LTV) अनुपात भी कहते हैं.

आपने कितना डाउन पेमेंट किया है और आपका कितना LTV बनता है, इन दोनों को घटा कर जो शेष
राशि बचती हैं वो आपका लोन अमाउंट होता है जिसे आपको एक निर्धारित समय (मान लो 5 साल) में
आसान किश्तों (EMI) में चुकाना होता है.
अब एक सवाल ऋण लेने वाले हर किसान के मन में आता होगा, कि अगर किसी कारण वश वो क़िस्त
नहीं चुका पाते हैं, तो क्या होता है.
पूरी किश्त चुकाने की मुद्दत तक, आपका ट्रैक्टर बैंक के पास गिरवी रहता है. यदि आप किसी कारण
वश क़िस्त नहीं भरते तो वित्तीय संस्थाओं के पास यह अधिकार होता है की वो आपका ट्रैक्टर वसूली के
तौर पर अपने पास रख सकते हैं.


ट्रैक्टर लोन की मुख्य विशेषताएं

● ब्याज दर न्यूनतम 9% प्रति वर्ष से लेकर 23% प्रति वर्ष तक हो सकता हैं.
● ब्याज दर हर फाइनेंसर के हिसाब से अलग-अलग होती है. यह आपके CIBIL स्कोर, कुल ऋण
राशि, ऋण अवधि आदि जैसे कारकों पर भी निर्भर करता है.
● पुनर्भुगतान अवधि (Repayment Schedule) लचीली होती है, और अधिकांश वित्तीय संस्थान
अधिकतम 7 वर्ष तक की अवधि प्रदान करते हैं. आप अपनी वित्तीय क्षमता के अनुरूप
पुनर्भुगतान अवधि चुन सकते हैं.
● ट्रैक्टर ऋण के लिए आवेदन प्रक्रिया सरल है, और दस्तावेज़ीकरण की आवश्यकताएं आमतौर पर
न्यूनतम होती हैं.
● लोन की राशि ट्रैक्टर की कीमत और आपकी डाउन पेमेंट क्षमता पर निर्भर करती है. आप ट्रैक्टर
की कीमत का 90% तक उधार ले सकते हैं.
● ट्रैक्टर ऋण किसी अतिरिक्त संपार्श्विक (Collateral) के साथ नहीं आता है। इसके बजाय, ट्रैक्टर
ही संपार्श्विक है.


ट्रैक्टर लोन लेते समय निम्न बातों का ध्यान रखें

● सुनिश्चित करें कि आप बैंकों द्वारा निर्धारित पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं.
● बेस्ट डील के लिए विभिन्न बैंकों की ब्याज दरों की तुलना जरूर करें.
● लोन से जुड़े किसी भी छिपे हुए शुल्क या प्रसंस्करण शुल्क से सावधान रहें.
● केवल वही लोन अमाउंट लें जिसे आप अपने वित्त पर दबाव डाले बिना आराम से चुका सकें.
● गुणवत्ता और वारंटी समर्थन सुनिश्चित करने के लिए अधिकृत डीलरों से अपने सपनों का ट्रैक्टर
खरीदें.
● किसी भी समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले ऋण के नियम और शर्तों को अच्छी तरह से पढ़ें
और समझें.

ट्रैक्टर लोन के लिए सबसे बेहतर प्लेटफॉर्म: ट्रैक्टरकारवां

ट्रैक्टरकारवां किसानों को ट्रैक्टर और कृषि उपकरणों से संबंधित सभी जानकारी के लिए वन-स्टॉप
डिजिटल प्लेटफॉर्म है. यह यूजर-फ्रेंडली सुविधाएँ प्रदान करता है जो किसानों को ट्रैक्टर खोजने, खरीदने
और बेचने और ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, कृषि टायर और हार्वेस्टर के फाइनेंसिंग के प्रोसेस में मदद करता
है. ट्रैक्टरकारवां पर, किसानों को स्पेसिफिकेशन्स, फीचर्स, प्राइस और ईएमआई और ऑथेन्टिक यूजर
रिव्यू जैसी विस्तृत, अच्छी तरह से रिसर्च की गई और क्यूरेटेड जानकारी मिलती है. ज़मीनी स्तर पर
अपनी व्यापक पहुँच के माध्यम से, ट्रैक्टरकारवां भारतीय किसानों को आसानी से ट्रैक्टर चुनने, खरीदने
और फाइनेंस करने में सहायता करता है.

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