भारतात ऊस हे महत्त्वाचे व्यावसायिक पिकांपैकी एक पिक आहे आणि नगदी पिक म्हणून याचे एक प्रमुख स्थान आहे. ऊस हा साखर आणि गुळाचे मुख्य स्त्रोत आहे. भारत हा साखरेच्या बाबतीत जगातील दुसर्या क्रमांकाचा उत्पादक देश आहे.
ऊस शेती मोठ्या संख्येने लोकांना रोजगार देते आणि परकीय चलन मिळवण्यासाठी एक महत्वाची भूमिका बजावते.
ऊसाचे बोटॅनिकल नाव
Family: Gramineae
Botanical Name: Saccharum officinarum
ऊस शेतीसाठी हवामान स्थिती: –
ऊस एक उष्णकटिबंधीय वनस्पती आहे आणि ती दीर्घ कालावधीची पीक आहे; हे पिक पावसाळी, हिवाळा आणि उन्हाळा या सर्व हंगामत तग धरुन राहते.
टॉप 10 ऊस उत्पादक राज्य: 2014-2015
1 उत्तर प्रदेश- 138481
2 महाराष्ट्र – 81870
3 कर्नाटक – 418 9 5
4 तमिळनाडू- 24463
5 बिहार – 14131
6 गुजरात – 14060
7 आंध्र प्रदेश + तेलंगणा- 13150
8 हरियाणा – 7650
9 पंजाब – 7039
10 उत्तराखंड – 6135
स्त्रोत:
अर्थशास्त्र व सांख्यिकी संचालनालय, कृषी मंत्रालय
ऊसच्या प्रमुख जाती
CoS.687, CoPant.84211, CoJ.64, CoLk.8001, Co.1148, CoS.767, CoS.802, CoC.671, CoC.85061, Co.8021, Co.6304, Co.1148, CoJ.79, CoS.767, Co.740, CoM.7125, Co.7527, CoC.671, Co.740, Co.8014, Co.7804, Co.740, Co.8338, Co.6806, Co.6304, Co.7527, Co.6907, Co.7805, Co.7219, Co.7805, Co.8011
ऊस शेतीसाठी योग्य माती:
ऊस लागवड करण्यापूर्वी जमिनीची तपासणी करणे महत्वाचे आहे. याद्वारे आपान खताची मात्रा ठरवू शकतो.
पाण्याचा निचरा होणारी , खोल, सुमारे 6.5 पीएच असणारी माती ऊस शेतीसाठी उपयुक्त आहे, परंतु ऊस पिक जमिनीची अम्लता आणि क्षारता हे सहन करू शकते. म्हणूनच 5 ते 8.5 च्या श्रेणीमध्ये पीएचसह मातींमध्ये वाढ होते.
संपूर्ण भारतभर ऊस लागवड करणारी हंगाम: –
लावणी | वेळ | कालावधी | उत्पादन |
सुरू / हंगामी | 15th जानेवारी – 15th फेब्रुवारी | 12 महिने | 100 टन / हेक्टर |
पूर्व-हंगामी | ऑक्टो – नोव्हें | 15 महिने | 125 टन / हेक्टर |
आडसाली | जुलै – ऑगस्ट | 18 महिने | 150 टन / हेक्टर |
ऊस लागवड पद्धती
भारतात ऊस लागवडीसाठी मोठ्या संख्येने उपलब्ध पद्धती आहेत, पण ऊस लागवडीसाठी प्रमूख चार पद्धत वापरली जातात.
- रिज आणि फॅरो पद्धत
- Rayungan पद्धत
- खंदक किंवा जवा पध्दत
- फ्लॅटबर्ड पद्धत
खते
ऊस हा एक दीर्घ कालावधीचा पिकाचा आहे त्यामुळे त्याला उच्च दर्जाची पद्धत आणि खत लागते. जमीन तयार करताना 25 ते 50 टन चागले कुजलेले शेणखत/ हेक्टर वापरावे.
पूर्व-हंगामी उस लागवडीसाठी (डोस प्रति हेक्टर) खते.
खते देण्याची वेळ | N (kg) | P (kg) | K (kg) | FYM |
1) लागवडीवेळी (10 % N, 50 % P & K) | 35 | 85 | 85 | 35 tons/ha. |
2) 6-8 आठवडे नंतर(40 % N) | 140 | – | – | |
3) 8-12 आठवडे नंतर (10% N) | 35 | – | – | |
4) 20-24आठवडे नंतर (40% N, 50% P & K) | 140 | 85 | 85 | |
एकूण | 350 | 170 | 170 | 35 |
- हंगामी उस लागवडीसाठी (डोस प्रति हेक्टर) खते.
खते देण्याची वेळ | N (kg) | P (kg) | K (kg) | FYM |
1) लागवडीवेळी (10% N, 50% P & K) | 25 | 62 | 62 | 25 tons/ha |
2) 6-8 आठवडे नंतर(40% N) | 100 | – | – | |
3) 8-12 आठवडे नंतर(10% N) | 25 | – | – | |
4) 20-24आठवडे नंतर (40% N, 50 % P & K) | 100 | 63 | 63 | |
एकूण | 250 | 125 | 125 | 25 |
- आडसाली उस लागवडीसाठी (डोस प्रति हेक्टर) खते.
खते देण्याची वेळ | N (kg) | P (kg) | K (kg) | FYM |
1) लागवडीवेळी (10% N, 50 % P & K) | 45 | 85 | 85 | 50 tons/ha. |
2) 6-8 आठवडे नंतर(40% N) | 180 | – | – | |
3) 8-12 आठवडे नंतर (10% N) | 45 | – | — | |
4) 20-24आठवडे नंतर (40% N, 50% | 180 | 85 | 85 | |
एकूण | 450 | 170 | 170 | 50 |